6 किफ़ायती तरीके इस सर्दियों में आपके मवेशियो को निरोगी और ख़ुशहाल रखने के लिए

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सर्दियों के आते ही, डेरी किसान उसका सामना करने के लिए तैयारी शुरू कर देते है| इसमें उनके मवेशी भी शामिल है| ये सबसे प्रभावित जीव है जो सर्दी की इस मार को सहते है और जिनका खास ध्यान रखना ज़रूरी है| मौसम की असर ऐसी पड़ती है कि उनके शरीर के उर्जा के लेवल कम हो जाता है, वो अपने शरीर का आवश्यक तापमान बना कर रख नहीं सकते, एवं गर्मियों के मुकाबले उनके दूध का उत्पादन घट जाता है| सर्दीकी तीव्रता उनको तनावग्रस्त बना देती है और उनको अपनी सामान्य गतिविधियां करने में भी काफ़ी संघर्ष करना पड़ता है| ये आखरी चीज़ होगी जो डेरी किसान चाहेंगे, क्योंकि पशुपालन तक़रीबन सभी की आजीविका के लिए मुख्य स्त्रोत होगा| साथ ही, समूची डेरी इंडस्ट्री दुसरे डेरी प्रोडक्ट के लिए भी इन्ही जानवरों पे निर्धारित है| दूध के आभाव की इस परिस्थिति से लड़ने के लिए, वो कई प्रचुर उपाय करते है और अपने दूध कलेक्शन की प्रक्रिया आसान और त्वरित बनाने के लिए वो विभिन्न डेरी इक्विपमेंट्स और मिल्क सोफ्टवेर का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित होते है|
बहरहाल, आपके मवेशी के लिए ये शीत परिस्थिति एक बुरा समय साबित हो ये आवश्यक नहीं है| ऐसे कई रस्ते है जिससे आप बाकी के दिनों की तरह ही अपने खेत और मवेशियो की प्रभावपूर्ण देखभाल कर सकें| ये कुछ आसान तरीकों से आप अपने मवीशियो को तंदुरस्त और ख़ुशहाल रख सकते है और इस कड़ाके की ठण्ड में भी अच्छा उत्पादन कर सकतें हैं|

पानी के पर्याप्त स्त्रोतों का व्यवस्थापन


सर्दियों में अक्सर पानी के स्त्रोत ठन्डे पड़ जातें है| कुछ वक़्त के बाद कीचड़ या भारी बर्फ़बारी के कारण उनका मवेशियो तक पहोचना मुश्किल हो जाता है| इसके कारण डेरी के जानवरों का अधिक समय उन स्त्रोतों को खोजने और उन तक पहोचने में लग जाता है| पशु चिकित्सकों की राय के अनुसार, एक जानवर को प्रति 45 किलो वजन के हिसाब से 4 से 7 लीटर पानी प्रतिदिन चाहिए| इससे हमें पता चलता है कि पानी कितना आवश्यक है चाहे मौसम कोई भी हो| पशु बर्फ को चाट के पर्याप्त पानी मिल जायेगा ये भ्रमणा जो नौसिखिये पशुपालकों में है, वो गलत है| उल्टा, ये पशु के शरीर में गर्मी पैदा करने की और खाने एवं विकास की कार्यक्षमता को कम कर देता है|

पानी का अविरत सेवन निर्जलित पशुओ के लिए हानिकारक भी हो सकता है और उन्हें कोलिक (उदरशूल) जैसी बीमारी भी दे सकता है| इस समस्या का एक समाधान ये है कि पानी के टेंक में वोटर हीटर लगवाये जाये, जो उन्हें ऐसा ठंडा होने से रोकता है| इसमें कोई अकस्मात या इलेक्ट्रिकल शोक न लग जाएँ ये ध्यान रखना आवश्यक है| अगर आपके खेत में ये हीटर लगाना मुमकिन नहीं है, तो आपको पानी के विभिन्न वैकल्पिक स्त्रोत पशुओं के लिए लगाने पड़ेगे जिससे पशुओ को पानी नियमित  मिलता रहें|
आप, सर्दियों के आने से पहले ही आवश्यक पानी का संग्रह करके अपने पशु को इस गिरते तापमान की परिस्थिति में भी एक अच्छी अवस्था में रख पायेंगे|

पशुओं को पर्याप्त चारा दें


मवेशिओं को यदि पर्याप्त चारा न मिलें तो वो उन्हें सर्दियों में शीतकालीन रोग लगने का कारण बन सकता है| आगे जेक ये कारण बनता है पशुओं में उर्जा, शारीरिक गर्मी और तापमान के अभाव का – जो कई बार प्राणघातक भी साबित होता हैं| आप निचे दिए गए कोई भी, या तो सभी सुज़ावो को ध्यान में रख के भोजन के आवश्यक भंडार की व्यवस्था कर सकतें है:

  • सर्दी के मौसम के आने से पहले ही, ज़रूरी भोजन की सामग्री का संचय करके रखें| इससे आपकी आधी से ज्यादा समस्या का समाधान हो जायेगा और सर्दी के मौसम में आपको ओने पशु के भोजन की व्यवस्था के बारे मे कोई चिंता नहीं रहेगी
  • पारंपरिक खाने के विकल्प में ऐसे भोजन ले जिनमे आवश्यक पोषक तत्व हों| इससे आपकी सर्दियों में काफी कम मिलने वाले चारो के प्रबंधन की तकलीफ कम करती है और आपके पशु को आवश्यक पोषक तत्त्व भी देती है, लेकिन आपके लिए ये महंगी साबित हो सकती हैं|
  • सुखी घास के ज़मीन पर फ़ैलाने से होते हुए नुकसान को कम करें| इससे अच्छा है की उनको इकठ्ठा करकें किसी शेड के निचे रक्खे या घास के अच्छे ढेर ऐसे बना के रखे की समय समय पर आपके पशु के लिए उन्हें अच्छी तरह से उपयोग में ले सकें| इससे आपकी सुखी घास की काफी अच्छी बचत हो जाएगी|
  • इस मौसम में आपको हरी घास मिलना काफी मुश्किल होगा| इसमें अच्छा रहेगा की आप खेत में कुछ हिस्सों में थोडा सा घास उगायें| चराने के लिए उस मैदान के अलग अलग हिस्सों का प्रयोग करें, जिससे घास को बढ़ने में समय मिलें और वो बर्फ की चादर से ऊपर उठकर आयें जिससे आपके मवेशी बिना किसी तकलीफ से उनका सेवन कर सकें|

मवेशी के लिए उचित आश्रय / शेड की व्यवस्था


तापमान के गिरते ही, पशु की उर्जा की खपत बढ़ जाती है| सर्दियों में बनाने वाले शेड या आश्रय ऐसे होने चाहिए की जिससे आम मौसम के मुकाबले सर्दी के मौसम में पड़ने वाली तकलीफों का खास समाधान मिलें| गर्मिओं के दौरांत आपको एक विशाल चरागाह मिलेगी जहाँ आपके पशु को चराने के लिए पर्याप्त जगह होगी| बहरहाल, ये जगह सर्दियों में आपके पशुओंके लिए सुरक्षित नहीं माने जायेगे क्योंकि इस मौसम में चलने वाली शीत लहरें आपके पशुओं के लिए असहनीय हो जाएँगी| इस मौसम में शेड बनाने के लिए, आपको पूरा ध्यान रखना होगा की वो तीनो तरफ से ढंका हो और हवा की आवागमन के लिए बस थोड़ी सी जगह हो जिससे ठण्ड कम से कम रह पायें| आप पेड़ के समूह या झाड़ियों के पास, पहाड़ियों के पास या आश्रयस्थान की श्रुंखला के पास इसकी जगह का चयन कर सकते है जिससे ठंडी हवाओं के सामने आपको बचाव मिल सकें| साथ ही, मौसम की पूरी जानकारी रखे जिससे आनेवाले तूफान से आप सचेत रह सकें| ऐसी परिस्थिति बनने से पहले ही जानवर को आश्रय में या तो फिर बाढ़े में बांधकर रखें| आप पशुओ कि हरकतों की निगरानी रखने और उनके आवागमन को अपने नियंत्रण में रखने के लिए पशु सोफ्टवेर का प्रयोग भी कर सकतें है|

कीचड़ को दूर रखें


जो पशुपालक सालों से पशुपालन करते है वो जानते है कि कीचड़ उनके पशुओं का सबसे बड़ा शत्रु है| पशुओं को कीचड़ लगने से, खास करके उनके पैर(खुर्द) में कीचड़ लगने से उनके अन्दर रहें विषाणु की वजह से, उन्हें संक्रमण (इन्फेक्शन) लग सकता है और उनको पैर सड़ांध या पीप आने जैसी तकलीफे हो सकती है|
आप के जमीन की आसपास की कीचड़ वाली जगह का पता लगायें और लकड़ी के टुकड़े, कंकड़ और अन्य चीजों की मदद से जमीन पर एक मोटी सी सतह बनायें| जिससे हानिकारक विषाणु और जीवाणु के बढ़ने की सम्भावना काफी कम होगी और साथ ही बिमारियाँ भी|और साथ ही, चराई के कारण होती कीचड़ को, बारी बारी अलग अलग जगह पे पशुओं को चराने से भी रोकी जा सकती है|

गर्भित पशुओं की खास देखभाल


सर्दियों में गर्भिणी गाय के ऊपर खास ध्यान रखना आवश्यक है| उनकी गतिविधि, खाने की आदतें, सेहत का और उनके विकास का भी निकट अभ्यास करें|साथ ही, अगर उनको खास पोषक तत्व एवं टीके की खुराक सही से मिलें उसका विशेष ध्यान रखें जिससे वह इस सर्दी में चुस्त और तंदुरुस्त रह पायें| गर्भित गायों को अलग खलिहान में रखें और उनपर विशिष्ट ध्यान दें| याद रखिए, जितनी तंदुरस्त गाय, उतना ही तंदुरस्त बछड़ा| पर्याप्त भोजन और पानी की एक योग्य  शेड के नीचे व्यवस्था करे जो आसानी से पशु तक पहोंच सकें और साथ ही ठंडी हवाए पशु तक न पहोच पाए उसका पूरा ध्यान रखें| उनके प्रसव का समय नजदीक आने पे ज्यादा सतर्क रहें, जिससे आप एक सकुशल डिलीवरी के लिए नियत समय और साधन से संपन्न हो|

एक आरामदायक बिछोना तैयार करें


सर्दिओं का ये मौसम कई बार पारा ज़ीरो के निचे भी ले जा सकता है| जानवरों के विश्राम करने और उसके तनाव को कम करने के लिए एक गर्म और ऊष्मापूर्ण बिछोने को बनाना आवश्यक है| रेत का बिछोना एक उत्तम उदाहरण है जो ठंडी हवाओं को आने नहीं देता और गर्मी को जकड़कर रखता है| कई पशुपालक गर्म पानी के गद्दे (sloped water beds) का प्रयोग भी करते है, जिससे जानवरों को अधिक सुविधा मिलती है| लेकिन ये वैकल्पिक है, आवश्यक नहीं| आप चाहे तो, विशिष्ट सामग्री की मदद से विशिष्ट बिछोना बना सकते है जो गीलेपन से गाय को राहत दें|

समापन


सर्दियों में जानवरों को आरामदायक स्थिति में रखना सविशेष है| नियमित अवलोकन और उनकी आवश्यकता की पूर्ती आपके मवेशिओं को चुस्त दुरुस्त और सर्दी से बचने के लिए सक्षम बनाएगें| साथ ही, मौसम आपके मुनाफ़े को कम न कर दे ये भी ज़रूरी है| ये सुझाव आपको काफी उपयोगी साबित होगे, और आपको पर्याप्त फ़ायदा देगे, चाहे मुनाफ़ा दुगना न हो| क्योंकि, तापमान कम हुआ तो ज़रूरी नहीं की आपका मुनाफ़ा भी कम हो, है न?

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