पशुपालकों के सवाल और डॉक्टर का जबाब के इस भाग में पशुपालन और पशुओं के स्वस्थ्य से सम्बंधित सामान्य जानकारियां ग्रोवेल के डॉक्टर के द्वारा दी जा रही हैं। हमारे पशुपालक भाई इन जानकारियों को अमल करके अपने पशुओं को काफी हद तक स्वस्थ्य और दुधारू बनाये रख सकतें हैं और अपने पशुपालन ब्यवसाय में अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकतें हैं.
प्रश्न:
टीकाकरण की
उचित आयु क्या है?
डॉक्टर का जबाब : टीकाकरण कार्यक्रम रोग के प्रकार , पशुओं कि प्रगति एवम् टिके के प्रकार पर निर्भर करता है। समान्यतः टीकाकरण 3 महीने की पर किया जाता हैं। व्यवहारिक तौर पर पशुपालकों को सलाह दी जाती है की टीकाकरण के लिये पशुचिकित्सक की सलाह लें।
प्रश्न: क्या टीकाकरण सुरक्षित हैं? इसके दुष्प्रभाव क्या हैं?
डॉक्टर का जबाब : जी हाँ, टीकाकरण पूर्णरूप से सुरक्षित हैं। टीकों के उत्पादन में पूर्ण सावधानी बरती जाती है। तथा इनकी क्षमता, गुणवत्ता एवं सुरक्षा सम्बंधी परीक्षण किये जाते है, तत्पश्चात ही इन्हें उपयोग हेतु भेजा जाता है। मद्धिम ज्वर अथवा टीकाकरणस्थान पर हल्की सूजन य्दाक्य हो जाति है जोकि स्वयै दिनों में नियंत्रित हो जाति है। किसी भी शंका समाधान के लिये पशुचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये।
डॉक्टर का जबाब : टीकाकरण कार्यक्रम रोग के प्रकार , पशुओं कि प्रगति एवम् टिके के प्रकार पर निर्भर करता है। समान्यतः टीकाकरण 3 महीने की पर किया जाता हैं। व्यवहारिक तौर पर पशुपालकों को सलाह दी जाती है की टीकाकरण के लिये पशुचिकित्सक की सलाह लें।
प्रश्न: क्या टीकाकरण सुरक्षित हैं? इसके दुष्प्रभाव क्या हैं?
डॉक्टर का जबाब : जी हाँ, टीकाकरण पूर्णरूप से सुरक्षित हैं। टीकों के उत्पादन में पूर्ण सावधानी बरती जाती है। तथा इनकी क्षमता, गुणवत्ता एवं सुरक्षा सम्बंधी परीक्षण किये जाते है, तत्पश्चात ही इन्हें उपयोग हेतु भेजा जाता है। मद्धिम ज्वर अथवा टीकाकरणस्थान पर हल्की सूजन य्दाक्य हो जाति है जोकि स्वयै दिनों में नियंत्रित हो जाति है। किसी भी शंका समाधान के लिये पशुचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये।
प्रश्न:
खनिज पदार्थ
क्या होते है?
डॉक्टर का जबाब : वो तत्व जो पशुओं के शरीरिक क्रियाओं, जैसे विकास, भरण, पोषण तथा प्रजनन एवं दूध उत्पादन में सहायक होते हैं खनिज तत्व कहलाते हैं। मुख्य खनिज तत्व जैसे सोडियम, पोटाशियम , कापर, लौ, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, क्लोराइड़, सेलिनियम और मैंगनीज आदि है। अमीनो पॉवर ( Amino Power) एक सम्पूर्ण और काफी महत्वपूर्ण विटामिन्स और खनिज तत्वों से भरपूर टॉनिक है ,जोकि काफी प्रभावकारी भी इसे पशुओं को नियमित रूप से देनी चाहिए ।
डॉक्टर का जबाब : वो तत्व जो पशुओं के शरीरिक क्रियाओं, जैसे विकास, भरण, पोषण तथा प्रजनन एवं दूध उत्पादन में सहायक होते हैं खनिज तत्व कहलाते हैं। मुख्य खनिज तत्व जैसे सोडियम, पोटाशियम , कापर, लौ, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, क्लोराइड़, सेलिनियम और मैंगनीज आदि है। अमीनो पॉवर ( Amino Power) एक सम्पूर्ण और काफी महत्वपूर्ण विटामिन्स और खनिज तत्वों से भरपूर टॉनिक है ,जोकि काफी प्रभावकारी भी इसे पशुओं को नियमित रूप से देनी चाहिए ।
प्रश्न:
खनिज तत्व
पशुओं के लिए क्यों महत्वपूर्ण
हैं
डॉक्टर का जबाब : खनिज लवण जहां पशुओं के शरीरिक क्रियाओं जिसे विकास, प्रजनन,भरण , पोषण के लिए जरूरी है वहीं प्रजनन एवं दूध उत्पादन में भी अति आवश्यक हैं। खनिज तत्वों का शरीर में उपयुक्त मात्रा में होना अत्त्यंत आवश्यक है क्योंकि इनका शरीर में असंतुलित मात्रा में होना शरीर कि विभिन्न अभिक्रियाओं पर दुष्प्रभाव डालता ही तथा उत्पादन क्षमता प्र सीधा असर डालता है।
डॉक्टर का जबाब : खनिज लवण जहां पशुओं के शरीरिक क्रियाओं जिसे विकास, प्रजनन,भरण , पोषण के लिए जरूरी है वहीं प्रजनन एवं दूध उत्पादन में भी अति आवश्यक हैं। खनिज तत्वों का शरीर में उपयुक्त मात्रा में होना अत्त्यंत आवश्यक है क्योंकि इनका शरीर में असंतुलित मात्रा में होना शरीर कि विभिन्न अभिक्रियाओं पर दुष्प्रभाव डालता ही तथा उत्पादन क्षमता प्र सीधा असर डालता है।
प्रश्न:
पशुओं को खनिज
तत्व कितनी मात्रा में देना
चाहिये?
डॉक्टर का जबाब : पशुओं को खनिज मिश्रण खिलने की मात्रा : छोटा पशु : 20 ग्राम प्रति पशु प्रतिदिन बड़े पशु : 40 ग्राम चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट ( Chelated Growmin Forte) प्रति पशु प्रतिदिन।
डॉक्टर का जबाब : पशुओं को खनिज मिश्रण खिलने की मात्रा : छोटा पशु : 20 ग्राम प्रति पशु प्रतिदिन बड़े पशु : 40 ग्राम चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट ( Chelated Growmin Forte) प्रति पशु प्रतिदिन।
प्रश्न:
साईलेस क्या
होता है? इसका
क्या लाभ है?
ग्रोवेल के डॉक्टर का जबाब : वह विधि जिसके द्वारा हरे चारे अपने रसीली अवस्था में ही सिरक्षित रूप में रखा हुआ मुलायम हर चारा होता है जो पशुओं को ऐसे समय खिलाया जाता है जबकि हरे चने का पूर्णतया आभाव होता है।
ग्रोवेल के डॉक्टर का जबाब : वह विधि जिसके द्वारा हरे चारे अपने रसीली अवस्था में ही सिरक्षित रूप में रखा हुआ मुलायम हर चारा होता है जो पशुओं को ऐसे समय खिलाया जाता है जबकि हरे चने का पूर्णतया आभाव होता है।
साईलेस
के लाभ :
• साईलेस
सूखे चारे कि अपेक्षा कम जगह
घेरता है।
• इसे
पौष्टिक अवस्था में अधिक समय
तक रखा जा सकता है।
• साईलेस
से कम खर्च पर उच्च कोटि का
हरा चारा प्राप्त होता है।
• जड़े के
दिनों में तथा चरागाहों के
अभाव में पशुओं को आवश्यकता
अनुसार खिलाया जा सकता है।
प्रश्न:
साईलेस बनाने
की प्रक्रिया बतायें।
डॉक्टर का जबाब : हरे चारे जैसे मक्की, जवी, चरी इत्यादि का एक इंच से दो इंच का कुतरा कर लें। ऐसे चारों में पानी का अंश 65 से 70 प्रतिशत होना चाहिए। 50 वर्ग फुट का एक गड्डा मिट्टी को खोद कर या जमीन के ऊपर बना लें जिसकी क्षमता 500 से 600 किलो ग्राम कुत्तरा घास साईलेस की चाहिए। गड्डे के नीचे फर्श वह दीवारों की अच्छी तरह मिट्टी व गोबर से लिपाई पुताई कर लें तथा सूखी घास या परिल की एक इंच मोती परत लगा दें ताकि मिट्टी साईलेस से न् लगे। फिर इसे 50 वर्ग फुट के गड्डे में 500 से 600 किलो ग्राम हरे चारे का कुतरा 25 किलो ग्राम शीरा व 1.5 किलो यूरिया मिश्रण परतों में लगातार दबाकर भर दें ताकि हवा रहित हो जाये घास की तह को गड्डे से लगभग 1 से 1.5 फुट ऊपर अर्ध चन्द्र के समान बना लें। ऊपर से ताकि गड्डे के अंदर पानी व वा ना जा सके। इस मिश्रण को 45 से 50 दिन तक गड्डे के अंदर रहने दें। इस प्रकार से साईलेस तैयार हो जाता है जिसे हम पशु की आवश्यकता अनुसार गड्डे से निकलकर दे सकते हैं।
डॉक्टर का जबाब : हरे चारे जैसे मक्की, जवी, चरी इत्यादि का एक इंच से दो इंच का कुतरा कर लें। ऐसे चारों में पानी का अंश 65 से 70 प्रतिशत होना चाहिए। 50 वर्ग फुट का एक गड्डा मिट्टी को खोद कर या जमीन के ऊपर बना लें जिसकी क्षमता 500 से 600 किलो ग्राम कुत्तरा घास साईलेस की चाहिए। गड्डे के नीचे फर्श वह दीवारों की अच्छी तरह मिट्टी व गोबर से लिपाई पुताई कर लें तथा सूखी घास या परिल की एक इंच मोती परत लगा दें ताकि मिट्टी साईलेस से न् लगे। फिर इसे 50 वर्ग फुट के गड्डे में 500 से 600 किलो ग्राम हरे चारे का कुतरा 25 किलो ग्राम शीरा व 1.5 किलो यूरिया मिश्रण परतों में लगातार दबाकर भर दें ताकि हवा रहित हो जाये घास की तह को गड्डे से लगभग 1 से 1.5 फुट ऊपर अर्ध चन्द्र के समान बना लें। ऊपर से ताकि गड्डे के अंदर पानी व वा ना जा सके। इस मिश्रण को 45 से 50 दिन तक गड्डे के अंदर रहने दें। इस प्रकार से साईलेस तैयार हो जाता है जिसे हम पशु की आवश्यकता अनुसार गड्डे से निकलकर दे सकते हैं।
प्रश्न:
सन्तुलित आहार
से क्या अभिप्राय है?
ग्रोवेल के डॉक्टर का जबाब : ऐसे भोजन जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन वसा खनिज लवणों उचित मात्रा में उपस्थित हों सन्तुलित आहार कहलाता है। पशुओं के आहार को संतुलित बनाने के लिए उनके चारे में नियमित रूप से चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट ( Chelated Growmin Forte) मिलकर दें ।
ग्रोवेल के डॉक्टर का जबाब : ऐसे भोजन जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन वसा खनिज लवणों उचित मात्रा में उपस्थित हों सन्तुलित आहार कहलाता है। पशुओं के आहार को संतुलित बनाने के लिए उनके चारे में नियमित रूप से चिलेटेड ग्रोमिन फोर्ट ( Chelated Growmin Forte) मिलकर दें ।
प्रश्न:
गर्भवती गाय
को क्या आहार देना चाहिए?
डॉक्टर का जबाब : गर्भवती गाय को चारा शरीर के अनुसार एवं सरलता से पचने वाला होना चाहिए। दाना 2 – 4 कि॰ग्राम॰ प्रतिदिन तथा दुग्ध हेतु दाना अतिरिक्त देना चाहिए। पशु चिकित्सक से सम्पर्क अति आवश्यक है।
डॉक्टर का जबाब : गर्भवती गाय को चारा शरीर के अनुसार एवं सरलता से पचने वाला होना चाहिए। दाना 2 – 4 कि॰ग्राम॰ प्रतिदिन तथा दुग्ध हेतु दाना अतिरिक्त देना चाहिए। पशु चिकित्सक से सम्पर्क अति आवश्यक है।
प्रश्न:
पशु
कमज़ोर है क्या करें?
डॉक्टर का जबाब : निकट के पशुपालन अस्पताल में जा कर पशु चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क करना चाहिए। उसके पेट कीड़े भी हो सकते हैं। जिसका उपचार अति आवश्यक है।
डॉक्टर का जबाब : निकट के पशुपालन अस्पताल में जा कर पशु चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क करना चाहिए। उसके पेट कीड़े भी हो सकते हैं। जिसका उपचार अति आवश्यक है।
प्रश्न:
पशुओं
की स्वास्थ्य की देख रेख के
लिए क्या कदम उठाना चाहिए?
डॉक्टर का जबाब : किसानों को नियमित रूप से पशुओं कि विभिन्न बीमारियों के रोक थम के लिए टीकाकरण करवाना, कीड़ों की दवाई खिलाना तथा नियमित रूप से उनकी पशु चिकित्सा अधिकारी से जांच करवाना।पशुशाला को नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए और विषाणुरहित रखनी चाहिए ।
डॉक्टर का जबाब : किसानों को नियमित रूप से पशुओं कि विभिन्न बीमारियों के रोक थम के लिए टीकाकरण करवाना, कीड़ों की दवाई खिलाना तथा नियमित रूप से उनकी पशु चिकित्सा अधिकारी से जांच करवाना।पशुशाला को नियमित रूप से सफाई करनी चाहिए और विषाणुरहित रखनी चाहिए ।
निष्कर्ष
यदि आपको लगता है कि आपके प्रश्नों का उत्तर यहाँ अच्छी तरह से दिया गया है, और आप डेयरी फार्म प्रबंधन के बारे में अधिक जानकरि लेना चाहते हो तो यहाँ क्लिक करे Farm 365 Animal Husbandry Software
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