नीतू यादव को मिला सर्वश्रेष्ठ डेयरी महिला पुरस्कार

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नीतू यादव ने वर्ष 2008 में केवल छह ।।दुधारू जानवरों के साथ काम शुरू किया। कम रिटर्न और उच्च व्यय के साथ यह एक बहत चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन वह अपने दृढ़ विश्वास, हौसले और अथक परिश्रम से लगातार आगे बढ़ती रहीं। वर्तमान में श्रीमती नीतू यादव ने अपने दूध व्यवसाय को बुलंदियों तक पहुंचा दिया है। अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने समय-समय पर अपने ज्ञान को उन्नत करने के लिए विभिन्न सेमिनारों और कार्यशालाओं में भी भाग लिया। वह एक गृहिणी तथा एक आत्मविश्वासी उद्यमी की बहुत अच्छी मिसाल हैं। तकनीकी रूप से, उन्होंने डेरी फार्म के अपने वैज्ञानिक ज्ञान को उन्नत किया है।


आज नीतू यादव 150 पशुओं की देखरेख करती हुई प्रतिदिन 1400 लिटर दूध का उत्पादन कर रही हैं। श्रीमती यादव हरियाणा में आयोजित पशुमेला एवं कृषि विज्ञान केन्द्र पर आयोजित अनेक कार्यक्रमों में शामिल हो चुकी हैं। जिला में आयोजित कृषि ज्ञान-विज्ञान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जुड़कर वह महिलाओं को पशुपालन से जुड़ने के लिए जागरूक भी करती हैं। इसके साथ श्रीमती यादव महिला जागरूकता कार्यक्रम के तहत अनेक गांवों का दौरा कर चुकी हैं। आज श्रीमती यादव ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने के लिए एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कृषि ज्ञान-विज्ञान की तरफ से किसान न्यूज चैनल पर भी आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो चुकी हैं।

दिनांक 28 अक्तूबर, 2017 को झज्जर जिला में ऑल हरियाणा पशुमेला आयोजित किया गया था। इसमें श्रीमती यादव की श्रीदेवी नामक गाय ने संपूर्ण हरियाणा में प्रथम स्थान प्राप्त कर रु.31000/- का इनाम जीता एवं दारासिंह नामक बुल ने दूसरा स्थान प्राप्त कर रु.5100/- का इनाम जीता था।

हरियाणा राज्य में एक महिला के रूप में डेरी क्षेत्र में शीर्ष दूध की उत्पादन के लिए। हरियाणा कृषि मंत्री श्री ओ.पी.धनखड़ जी द्वारा उन्हें जनवरी 2017 में सम्मानित किया गया था। हाल ही में फरवरी, 2018 में आयोजित 46वी डेरी इंडस्ट्री कान्फ्रेंस, कोच्चि में श्रीमती नीतू यादव को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ डेरी महिला (उत्तर भारत) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

श्रीमती यादव मेहसाणा संघ के साथ सन २०१५ से जुडी हुई है।  यंहा से उनको अपने दूध का उचित मूल्य और समय पर भुगतान मिलता है, जिसकी वजहसे
उन्होंने पिछले ३-४  वर्षो में अपने पशुओ की संख्या में इजाफा किया है और अपने पशुओं के रखरखाव एवं इस व्यवसाय को अपनाने को प्रेरित भी कराती है।

श्रीमती नीतू यादव अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार का सहयोग व् दूधसागर डेरी को देती है।  
 

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